बढ़ती बेरोज़गारी

 बढ़ती बेरोज़गारी     रोज़ ही देखो बढ़ती बेरोज़गारी  क़त्ल मुफ़लिस के करती बेरोज़गारी   सोता भूखे पेट नहीं मासूम बच्चा जो नहीं इतनी होती बेरोज़गारी   आटा कैसे मैं ख़रीदूँगा भला अब बढ़ गयी यारों इतनी बेरोज़गारी   कैसे दूँ बिजली का बिल मैं भला ये दिल में ही आहें भरती बेरोज़गारी   बेटी … Continue reading बढ़ती बेरोज़गारी