Ghazal | बर्बादियों का ग़म न शिकवा बेवफाई का
बर्बादियों का ग़म न शिकवा बेवफाई का (Barbadiyon Ka Gham Na Shikwa Bewafai Ka) बर्बादियों का ग़म न शिकवा बेवफाई का। हमको मिला है ये सिला तो आशनाई का।। था फ़लसफ़ा कुछ भी नहीं गुमराह हम हुए। अफसोस होता है तेरी उस रहनुमाई का।। बदनाम हम को कर गए दिल को लगा के … Continue reading Ghazal | बर्बादियों का ग़म न शिकवा बेवफाई का
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