बरसात ( Barsaat ) ( 2 ) सुना शहर तेरे में , जम के कुछ यूं बरसात न हुई मेरे आने से, तेरे दिल की ज़मीं क्यों सहरा ना हुई जलन कुछ इस तरह की ले आया था सीने में मैं पत्थर मोम से पिघले मगर क्यों चश्म ए नम ना हुई अब के सावन … Continue reading बरसात | Barsaat
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