बसंत | Basant par Muktak

बसंत ( Basant )   आ गया मधुमास सुहाना चली मस्त बयार। सर्दी को अलविदा कहने लगे सब नर नार। फागुन महीना आया खिलने लगी धूप भी। लगे पुष्प सारे महकने चमन महकी बयार। कोहरा ओस सारे अब मधुरम चली पुरवाई। खुशबू फैली बागानों में महक उठी अमराई। मस्तानों की टोली आई गीत मस्त गाते … Continue reading बसंत | Basant par Muktak