भगवान के यहाँ देर है, अंधेर नहीं
“बड़ा खूबसूरत कांच का गिलास है। क्या यह आपका है?” दीपक सर ने मेज पर रखे कांच के गिलास को देखते हुए, रोमांटिक अंदाज में शालिनी मैडम से कहा। “जी सर, मेरा ही है।” शालिनी मैडम ने जवाब दिया। “मेरा इस पर दिल आ गया है। क्या यह कांच का गिलास मेरा हो सकता है?” … Continue reading भगवान के यहाँ देर है, अंधेर नहीं
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