भाव भक्ति के मारे | Bhav Bhakti ke Mare

भाव भक्ति के मारे  ( Bhav Bhakti ke Mare ) त्रिदेव तुम्हारी महिमा का, रस पीकर मतवारे, घूम रहें हैं गाते महिमा, गली-गली द्वारे-द्वारे, ढोलक झांझ म॔जीरा लेकर, नाचें भजन कीर्तन गाकर, भाव भक्ति के मारे, गली-गली द्वारे-द्वारे, जल नारियल बेलपत्र धतूरा, जिसके बिन अनुष्ठान अधूरा, चलें सभी सामग्री साजे, गली-गली द्वारे-द्वारे, चंद्र नाग डमरू … Continue reading भाव भक्ति के मारे | Bhav Bhakti ke Mare