भींगलै मोर चुनरिया | Bhigaile more Chunariya
भींगलै मोर चुनरिया! ( Bhigaile more chunariya ) अरे रामा! मनवाँ में उठे लहरिया, बरस रहल पानी ए हरी। उमड़ -घुमड़ के बरसे बदरिया, सइयाँ घर नहीं, गए शहरिया। अरे रामा ! भींगलै मोर चुनरिया, बरस रहल पानी ए हरी। अरे रामा! मनवाँ में उठे लहरिया, बरस रहल पानी ए हरी। रहि -रहि के … Continue reading भींगलै मोर चुनरिया | Bhigaile more Chunariya
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