Kavita | भोलेनाथ

भोलेनाथ ( Bholenath ) ****** हो नाथों के नाथ हो अनाथों के नाथ दीनों के नाथ हो हीनों के नाथ। बसे तू कैलाश, बुझाते सबकी प्यास। चराचर सब हैं तेरे संग, रहे सदा तू मलंग । चलें खग पशु प्रेत सुर असुर तेरे संग, देख देवी देवता किन्नर हैं दंग। है कैसा यह मस्त मलंग? … Continue reading Kavita | भोलेनाथ