बिन बुलाए | Bin Bulaye

बिन बुलाए ( Bin Bulaye ) बिन बुलाए आज तुम फिर कहां से आ गए हो। बंद पड़े सूने मकां की कुंडी खटखटा गए हो। मोगरे सी महका गई है तेरी यादों की खुशबू । छटपटा उठी जो दफन थी दिल में कोई जुस्तजू। पता नहीं अब क्या होगा आंख बाईं फड़का गये हो।। क्यों … Continue reading बिन बुलाए | Bin Bulaye