धूप का बोझ नहीं सह पा रही है धरती – रामकेश

सवांद सूत्र, मुंबई के जाने-माने लेखक और रॉयल्टी प्राप्त कवि रामकेश एम. यादव पड़ रही इस भीषण गर्मी पर अपने मनोभाव कुछ इस तरह व्यक्त किए हैं। उनका मानना है कि आसमां से बरसती आग लोगों के जीवन की ख्वाहिश दिनोंदिन छीनती जा रही है। एसी, कूलर बे-जान होते जा रहे हैं। आये दिन बे … Continue reading धूप का बोझ नहीं सह पा रही है धरती – रामकेश