चाहत | Chaahat

चाहत ( Chaahat )    चाहत के मौन गलियारों में, नेह का मृदुल स्पंदन उर तरंग नवल आभा, प्रसून सदृश मुस्कान । परम स्पर्शन दिव्यता, यथार्थ अनूप पहचान । मोहक स्वर अभिव्यंजना, परिवेश सुरभि सम चंदन । चाहत के मौन गलियारों में, नेह का मृदुल स्पंदन ।। अनुभूति सह अभिव्यक्ति , मिलन अहम अभिलाषा । … Continue reading चाहत | Chaahat