चमन में अब निखार है शायद | Ghazal

चमन में अब निखार है शायद ( Chaman me ab nikhar hai shayad )   चमन में अब निखार है शायद। आने वाली बहार है शायद ।।   वो मर गया मगर हैं आंखें खुली, किसी का इंतजार है शायद।।   गर्ज पूरी हुई मुंह मोड़ लिया, बहुत मतलबी यार है  शायद।।   पांव में … Continue reading चमन में अब निखार है शायद | Ghazal