चश्मे-तर बोलना कैसे कोशिश करे चश्मे-तर बोलनाहुक्म उसका उसे राहबर बोलना पूरी कर दूँगा तेरी हरिक आरज़ूप्यार से तू मगर उम्र भर बोलना इस ख़मोशी से कैसे कटेगा सफ़रकुछ तो तू भी मेरे हमसफ़र बोलना मैंने मजबूर होकर के लब सी लियेरूबरू उसके है बेअसर बोलना मेरी ख़ामोशी चुभने लगी क्या उसेकह रही है वो … Continue reading चश्मे-तर बोलना
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