गजानंद ( Gajanand ) मनहरण घनाक्षरी गजानंद गौरी सुत, गणपति गणराज। विघ्नहर्ता पीर हरे, गणेश मनाइए। आय पधारो देव हे, एकदंत विनायक। रिद्धि-सिद्धि संग प्रभु, लंबोदर आइए। प्रथम पूज्य देव हे, संकटमोचन नाथ। यश कीर्ति वैभव दे, निशदिन ध्याइये। सुख समृद्धि प्रदाता, श्री गणेश महाराज। मूषक वाहन सोहे, मोदक चढ़ाइए। … Continue reading गजानंद | Chhand Gajanand
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