सिगारवाला छोरा | Cigarwala Chora

सायंकाल का वक्त है । सूरज डूबना चाहता है परंतु अपनी लालिमा को प्रकृति की मोहकता बिखेर रहा है । वहीं बेंच पर बैठा एक छोरा चारों ओर देखा है। उसके चेहरे को देखकर ऐसा लग रहा है वह कुछ पाना चाह रहा है। मैं भी उसी बेंच पर बैठ गया। मैं शांत चित्त बैठा … Continue reading सिगारवाला छोरा | Cigarwala Chora