Ghazal | दर्द की व्यथा

दर्द की व्यथा   दर्द इस कदर,  बेहाल था, थी उम्मीद सहारा दोस्त हैं, कुछ मायूस कर चले, कुछ को थी खबर , उंगलियां फोन तक न चले, कुछ तो थे साथ मरहम ले चले कभी जिनका  थे सहारा, आज वही बेसहारा कर चले, दर्द इस कदर  बेहाल था कुछ अपने परिजन घरों में चला, … Continue reading Ghazal | दर्द की व्यथा