दीप जलाने वालों के | Deep Jalane Walon ke
दीप जलाने वालों के ( Deep jalane walon ke ) घर के भेद हर किसी को कभी बताए नहीं जाते। बड़े बुजुर्ग छांव सलोनी कभी सताए नहीं जाते। जल जाती है तब सोने सी लंका नगरी सारी। मद में होकर चूर नैन कभी दिखाए नहीं जाते। विभीषण को लात मारी रावण का विनाश हुआ। … Continue reading दीप जलाने वालों के | Deep Jalane Walon ke
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