देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में | Ghazal
देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में ( Dekh raha hun main hansi nazare gaon mein ) देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में आ रही देखो गुलों की वो बहारें गांव में चाहता हूँ एक कोई तो बने साथी मेरा जो हंसी मुखड़े की देखी है कतारें … Continue reading देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में | Ghazal
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed