देश की अज़्मत बढ़ानी चाहिए

देश की अज़्मत बढ़ानी चाहिए बात तो अहल-ए-ख़िरद यह भी सिखानी चाहिएहर बशर को देश की अज़्मत बढ़ानी चाहिए ऐ मेरे मालिक ये तेरी मेहरबानी चाहिएकाम आये सब के ऐसी ज़िंन्दगानी चाहिए दे गया मायूसियाँ फिर से समुंदर का जवाबजबकि मेरी प्यास को दो बूँद पानी चाहिए क्यों भला पकड़े हुए हो रहबरों की उँगलियाँराह … Continue reading देश की अज़्मत बढ़ानी चाहिए