ढाई अक्षर ( Dhai akshar ) रातभर फिर सोचकर घबराये हम। ढाई अक्षर भी नहीं पढ़ पाये हम।। मेरी आंखों में तुम्हारे आंसू थे, चाह करके भी नहीं रो पाये हम।। एक पग भी तुम न आगे आ सके, सारे बंधन तोड़कर के आये हम।। तमस तेरे मन से कब जायेगा … Continue reading ढाई अक्षर | Dhai akshar
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