धर्म कर्म में हो बदलाव

धर्म कर्म में हो बदलाव धर्म , संस्कृति की सरल धारा में ,कर्म की क्षमता को भूल गए हैं । कुरीतियां , जहरीली हवा बहाकर ,कैसे सबको मानव धर्म में वापस लाएं । आंखों को बंद कर मन की ग्रंथि चोक हुई,आलोचक भी हथियार डाल चुके हैं । शुद्ध विचारों की गंभीरता पर हास्य आया … Continue reading धर्म कर्म में हो बदलाव