Ghazal बहोत दुश्वार है दिल का दरिया हो जाना

बहोत दुश्वार है दिल का दरिया हो जाना ( Bahot Dushwar Hai Dil Ka Dariya Ho Jana )     बहोत दुश्वार है दिल का दरिया हो जाना जैसे एक दम से बेहरका क़तरा हो जाना   ये फितरत नहीं होती हर किसी में सुमार सबको मयस्सर और एक पे फ़िदा हो जाना   दश्त-ए-बे-आब … Continue reading Ghazal बहोत दुश्वार है दिल का दरिया हो जाना