दिव्य अनुभूति | Divya anubhuti | Chhand
दिव्य अनुभूति ( Divya anubhuti ) मनहरण घनाक्षरी साधना आराधना से, दिव्य अनुभूति पाई। त्याग तप ध्यान योग, नित्य किया कीजिए। हरि नाम सुमिरन, जपो नित अविराम। राम राम राम राम, भज लिया कीजिए। मंदिर में दीप कोई, जलाता ले भक्तिभाव। रोशन यह जग सारा, ध्यान किया कीजिए। घट घट वासी … Continue reading दिव्य अनुभूति | Divya anubhuti | Chhand
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