दिव्यांश मौर्य की कविताएँ | Divyansh Maurya Poetry

मैं कविताएं तब लिखता हूं। मैं कविताएं तब लिखता हूं, जब मेरा मन रोने लगता। जीवन के दुःख दर्दों को जब , मन अश्रु से धोने लगता। मैं कविताएं तब लिखता हूं, जब मेरा मन रोने लगता। बोल नहीं जब मैं कुछ पाता, पर मन ही मन हूं चिल्लाता। जब मन भावुक हो जाता है, … Continue reading दिव्यांश मौर्य की कविताएँ | Divyansh Maurya Poetry