दिया काहे बुझ गईल | Diya Kahe Bujh Gayeel Bhojpuri Kavita
दिया काहे बुझ गईल ( Diya kahe bujh gayeel ) दिया काहे बुझ गईल तेल के कमी से, या पईसा के नमी से सब केहु कहे सुत गईल दिया काहे बुझ गईल न कवनो आवाज, न कवनो पता हिलेला चारो तरफ काहे अंधेरा ही अंधेरा दिखेला इ शहर में कईसन हावा चलेला चारो तरफ … Continue reading दिया काहे बुझ गईल | Diya Kahe Bujh Gayeel Bhojpuri Kavita
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