डूबते को तिनके का सहारा | Kavita Doobte ko Tinke ka Sahara

डूबते को तिनके का सहारा ( Doobte ko Tinke ka Sahara ) डूबते को तिनके का कोई सहारा मिल जाए। मंझधार में हमको कोई किनारा मिल जाए। रिश्तो में भी प्रेम भरी कोई रसधारा बह जाए। मुश्किलों की क्या बिसात दर्द सारा ढह जाए। तूफानों में कश्तियों को हौसला मिल जाए। ठान ले इंसान गर … Continue reading डूबते को तिनके का सहारा | Kavita Doobte ko Tinke ka Sahara