डॉक्टर दीपक गोस्वामी की कविताएं | Dr. Deepak Goswami Poetry
नैना चौ लुटे बीच बाजार नैना चौ लुटे बीच बाजार,नैनन ते नैना बतियाते ।करें आर की पार नैना चौ लड़े बीच बाजार,हिय भीतर हिचकोले लेके पिया को चढ़यो बुखार। अब पड़ेगी कैसे पार,नैना बतरामे क्यों यार,सब नाते थोथे अब लगते भोजन रुखो बेकार।पिया की लपसी ऐसी चाटी,सुधि बुधि गई सब हार,नैया मुद गए बीच बाजार। … Continue reading डॉक्टर दीपक गोस्वामी की कविताएं | Dr. Deepak Goswami Poetry
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