मकानों में रख लिया | Dr. Kaushal Kishore Srivastava poetry

मकानों में रख लिया ( Makano me rakh liya )     था जिन दियो में तेल मकानों में रख लिया । खाली दियो को तुमने मचानों में रख दिया ।।     उत्तर  थे  मेरे पास तुमने छीन सब लिया । फिर मुझको सवालो के निशानों पे रख दिया ।।     छीनी किसानों … Continue reading मकानों में रख लिया | Dr. Kaushal Kishore Srivastava poetry