दुनिया-ए-फ़ानी | Duniya-e-Fani

दुनिया-ए-फ़ानी ( Duniya-e-Fani ) अपने लिए ही वक्त कम पड़ने लगा है. दुनिया-ए-फानी में मान रमने लगा है. न जाने क्या पाने के ज़िद है इस दिल को. फुज़ूल ख़ुदा की नेअमत लगने लगा है. हर वक्त एक अजीब सा शोर बरपा है. कुछ मिलकर खो जाने का धड़का है. नाकामयाबी के डर से दिल … Continue reading दुनिया-ए-फ़ानी | Duniya-e-Fani