यार अच्छी नहीं दुश्मनी देखिए | Ghazal dushmani dekhiye

यार अच्छी नहीं दुश्मनी देखिए ( Yaar achi nahi dushmani dekhiye )     यार अच्छी नहीं दुश्मनी देखिए रख हमेशा मुझसे दोस्ती देखिए   जो जवां होने से पहले मुरझाती है  है मसलने को वो ही कली देखिए   याद इतना मुझे आता वो रात दिन रोज़ बढ़ने लगी बेख़ुदी देखिए   मुरझायी है … Continue reading यार अच्छी नहीं दुश्मनी देखिए | Ghazal dushmani dekhiye