फर्स्ट कि सेकंड इनिंग | First ki Second Inning

फर्स्ट कि सेकंड इनिंग ( First Ki Second Inning )   स्त्री तुम बाढ़ तो नहीं हो पावन नदी हो । अपनी मर्यादा में बहो प्रभु की मर्यादा में रहो। तुम आधुनिकता में उड़ता हुआ बवंडर नहीं! उजड़ा हुआ खंडहर नहीं! रंगभरी तस्वीर हो । जिंदगियों में रंग भरो ज़िंदगी को इंद्रधनुष करो। ख़ुद से … Continue reading फर्स्ट कि सेकंड इनिंग | First ki Second Inning