ग़ैर हूँ ऐसा कुछ बोलकर वो गया | Gair hoon ghazal
ग़ैर हूँ ऐसा कुछ बोलकर वो गया ( Gair hoon aisa kuch bol kar wo gaya ) ग़ैर हूँ ऐसा कुछ बोलकर वो गया नफ़रतों का जहर घोलकर वो गया इक झलक और दीदार उसका करा रब कभी जो खिड़की खोलकर वो गया प्यार की गुफ़्तगू की नहीं है उसनें तल्ख़ … Continue reading ग़ैर हूँ ऐसा कुछ बोलकर वो गया | Gair hoon ghazal
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed