ग़ज़ल गुनगुना दीजिए साज़े-दिल पर ग़ज़ल गुनगुना दीजिएशामे-ग़म का धुँधलका हटा दीजिए ग़म के सागर में डूबे न दिल का जहाँनाख़ुदा कश्ती साहिल पे ला दीजिए एक मुद्दत से भटके लिए प्यास हमसाक़िया आज जी भर पिला दीजिए इल्तिजा कर रहा है ये रह-रह के दिलफ़ासला आज हर इक मिटा दीजिए कर रही हैं बहारें … Continue reading ग़ज़ल गुनगुना दीजिए
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed