देख लिया | Geet Dekh Liya

देख लिया ( Dekh Liya ) अन्तस लहरों में ज्वार उमड़ता देख लिया। उनकी आँखों में प्यार छलकता देख लिया ।। कैसी सुगंध यह फैल रही उर-उपवन में। जब खिला सरोवर में कोई जलजात नहीं। किसने इस मन को बाँध लिया सम्मोहन में। साँसें महकीं या प्राण जले कुछ ज्ञात नहीं । अब डोल रहा … Continue reading देख लिया | Geet Dekh Liya