तब होगी मन में हरियाली | Geet Man mein Hariyali
तब होगी मन में हरियाली ( Tab hogi man mein hariyali ) बरसे सावन खूब घनेरा, झड़ी लगी फुहारों वाली। प्रेम उमड़े घट के भीतर, तब होगी मन में हरियाली। मीठे-मीठे मोती झरे, शब्द सुधारस जाते घोल। ओज वाणी सुनकर के, शत्रु तक भी जाते डोल। उर आनंद तन मन होता, जन … Continue reading तब होगी मन में हरियाली | Geet Man mein Hariyali
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