घड़ी | Bal kavita

घड़ी ( Ghadi )   टिक टिक टिक कर यह घड़ी बोलती इसके भीतर अलग-अलग तीन छड़ी घूमतीं सेकेंड, मिनट, घंटे से जो समय तोलतीं टिक टिक टिक कर यह घड़ी बोलती । बच्चों झटपट हो जाओ तुम सब तैयार मात-पिता, बड़ों को करो नमस्कार जल्दी पहुँचो स्कूल-तुमसे ये घड़ी बोलती शिक्षा ही सबकी उन्नति … Continue reading घड़ी | Bal kavita