Ghazal | आदमी

आदमी ( Aadmi )   हर  तरफ मजबूरियों में, रो  रहा है  आदमी। आंसुओं से जख़्मे दिल को,धो रहा है आदमी।   कौन किसके दर्द की,आवाज को सुनता यहॉं, डालकर  कानों  में  रूई,  सो  रहा है आदमी।   दौरे तूफॉं में चैन से,जीना कोई मुमकिन नहीं, भार  अपनी  ज़िंदगी  का, ढो रहा है आदमी।   … Continue reading Ghazal | आदमी