चल रहीं थीं वहां आतिशबजियाँ | Ghazal aatishbajiyan

चल रहीं थीं वहां आतिशबजियाँ ( Chal rahi thi wahan aatishbajiyan )   चल रहीं थीं वहाँ आतिश बाजियाँ, लोग सब समझे सवेरा हो गया घर से निकले तो हुये हैरान जब, सिर्फ कुछ पल में अन्धेरा हो गया !!   गली, कूचे, गाँव, कस्बे और शहर, पूछते थे आँखों आँखों में सवाल जिसके आने … Continue reading चल रहीं थीं वहां आतिशबजियाँ | Ghazal aatishbajiyan