बहकी-बहकी सी | Ghazal Behki Behki Si

बहकी-बहकी सी ( Behki Behki Si ) बहकी-बहकी सी वो रहती तो है कब से, मन ही मन में कुछ वो कहती तो है कब से ! चल रहा है क्या ना जाने दिल में उसके, बन शिला सी सब वो सहती तो है कब से ! राज कुछ तो है छुपा दिल में दबाये, … Continue reading बहकी-बहकी सी | Ghazal Behki Behki Si