चाहता हूँ | Ghazal chahta hoon

चाहता हूँ ( Chahta hoon )     प्यार का अपने पिला दे ए सनम पानी मुझे तू बना ले ज़िंदगी भर के लिये जानी मुझे   प्यार की करके फुवारे हर किसी पर हाँ मगर नफरतें हर शख्स के दिल से करनी  फ़ानी मुझे   इसलिये ही बढ़ गयी रिश्ते वफ़ा में दूरियां दे … Continue reading चाहता हूँ | Ghazal chahta hoon