देखा इक दिन | Ghazal Dekha ek Din

देखा इक दिन ( Dekha ek Din ) आंख दुश्मन की लाल कर रख दी हेकड़ी सब निकाल कर रख दी हाल आलस का ये हमारे है आज की कल पे टाल कर रख दी सच का परचम लगा है लहराने फिर हक़ीक़त निकाल कर रख दी हाथ उसके लगा नहीं कुछ पर सारी पेटी … Continue reading देखा इक दिन | Ghazal Dekha ek Din