फैसला दिल का | Ghazal Faisla Dil Ka
फैसला दिल का ( Faisla Dil Ka ) जानता हूँ मैं फैसला दिल का इक हँसीं से है सामना दिल का क्यों समझते अलग मुझे उससे एक वो ही है रहनुमा दिल का किसलिए अब बुरा कहें उसको उसने जोड़ा है आइना दिल का जब भी उस पर नज़र पड़ी मेरी मुझको लगता वो देवता … Continue reading फैसला दिल का | Ghazal Faisla Dil Ka
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