गली उसकी बहुत पहरा रहा है | Ghazal gali uski
गली उसकी बहुत पहरा रहा है ( Gali uski bahot pahra raha hai ) गली उसकी बहुत पहरा रहा है यहाँ माहौल कुछ ऐसा रहा है बढ़ी है इसलिए दूरी उसी से उसी का नर्म कब लहज़ा रहा है दवाई ले नहीं पाया मगर यूं नहीं कल जेब में पैसा रहा … Continue reading गली उसकी बहुत पहरा रहा है | Ghazal gali uski
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