घर की इज़्ज़त | Ghazal Ghar ki Izzat
घर की इज़्ज़त ( Ghar ki Izzat ) यह हुनर दिल में ढाल कर रखना घर की इज़्ज़त सँभाल कर रखना हर तरफ़ हैं तमाशबीन यहाँ कोई परदा भी डाल कर रखना मैं भी दिल में तुम्हारे रहता हूँ अपने दिल को सँभाल कर रखना हर ग़ज़ल अंजुमन में छा जाये दर्द दिल का … Continue reading घर की इज़्ज़त | Ghazal Ghar ki Izzat
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