है डर क्या | Ghazal Hai Dar Kya

है डर क्या ( Hai Dar Kya ) भला दुनिया से घबरा कर कभी झुकता है ये सर क्या वो अच्छा है तो अच्छा है इसे कहने में है डर क्या । बता दो की रिहाइश मुस्तकिल उसकी है अब ये ही भला नैनो में बस के भी कोई जाता है बाहर क्या। बड़ी मानूस … Continue reading है डर क्या | Ghazal Hai Dar Kya