हक़दार नहीं थे | Ghazal Haqdaar Nahi The

हक़दार नहीं थे ( Haqdaar Nahi The ) कुछ दोस्त हमारे ही वफ़ादार नहीं थे वरना तो कहीं हार के आसार नहीं थे ख़ुद अपने हक़ों के हमीं हक़दार नहीं थे हम ऐसी सियासत के तलबगार नहीं थे झुकने को किसी बात पे तैयार नहीं थे क्यों हम भी ज़माने से समझदार नहीं थे हर … Continue reading हक़दार नहीं थे | Ghazal Haqdaar Nahi The