हुज़ूर आपका | Ghazal Huzoor Aapka

हुज़ूर आपका ( Huzoor Aapka ) हुज़ूर आपका अंदाज़ क्या निराला है नज़र मिला के ही बस हमको मार डाला है बदल रहे हैं जो मौक़े पे अपने चेहरे को उन्हीं का आज ज़माने में बोलबाला है ज़माना इसलिए पढ़ता है शौक से हमको ग़ज़ल में रंग मुहब्बत का हमने ढाला है लगे न चोट … Continue reading हुज़ूर आपका | Ghazal Huzoor Aapka