Dard Bhari Ghazal | जिंदगी क्यों तेरी मर गई आरजू
जिंदगी क्यों तेरी मर गई आरजू ( Jindagi kyon teri mar gai aarzoo ) जिंदगी क्यों तेरी मर गई आरजू अब न दिल में कोई भी बची आरजू चाहकर भी नहीं कुछ उसे कह सका रोज़ दिल में तड़फती रही आरजू ढूंढ़ता ही रहा हूँ गली दर गली जिंदगी की मेरी … Continue reading Dard Bhari Ghazal | जिंदगी क्यों तेरी मर गई आरजू
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed