खानाबदोश | Ghazal Khanabadosh

खानाबदोश ( Khanabadosh )   रहने लगे है आप भी खानाबदोश से लगता है आँख लड़ गयी खानाबदोश से   फानी बदन की चाह में जीवन न तू गवाँ सुनते है बात संत सी खानाबदोश से   जो हमसफ़र के साथ कटे वो है जिंदगी इतनी सी बात सीख ली खानाबदोश से   इक नौकरी … Continue reading खानाबदोश | Ghazal Khanabadosh