ख़ुदा और मुहब्बत | Ghazal khuda aur muhabbat
ख़ुदा और मुहब्बत ( Khuda aur muhabbat ) आ ज़रा मिलनें मुझे बस एक लम्हे के लिए! आ निभाने आज तू अब हर उस वादे के लिए हां करेगा वो मुराद पूरी दिल की अल्लाह सब तू बना दे रोठी उस दरवेश भूखे के लिए बात हो उससे मुहब्बत की सकूं … Continue reading ख़ुदा और मुहब्बत | Ghazal khuda aur muhabbat
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